* #खूब_फरेबी_धार्मिक_हलचल# *
19वीं सदी में "ब्रेस्ट टैक्स" निचली जाति के लोगों को अपमानित करने और उन्हें कर्ज में डुबाए रखने के उद्देश्य से लगाया जाता था. इस तरह की कुप्रथा चलने वाला त्रावणकोर का राजा था, जो घोर धार्मिक माना गया विष्णु भगवान की भक्ति करने के कारण.
नियमानुसार निचली जाति की महिलाओं को अपने स्तन ढंकने के लिए राजा उन पर ब्रेस्ट टैक्स लगाता था. यही उदाहरण अपने आप में प्रमाण है की भगवान कोई हक़ीक़त नहीं है, बल्कि धर्म और भगवान पर झूठे विश्वास में जकड़ते अमानवीयता की नीयत पुष्ट की जाती. इसी की बानगी तो धार्मिकों में प्रचलित नारी विद्वेष व क्रूर जातपात है. ये सब कितना बुरा कलंक जैसा है, तिस पर भी धर्म धरे दमनकारी सोच लोगों की बदलती नहीं. हाय! ना जाने धर्म के किस मोह में झूठी ज़िंदगी बसर कर रहे? खैर....
मतलब की समझने वाली बात यही दिखती हर-सूं जी
जो धर्म ज्यादा मानता,वो ज्यादा आतंकवादी बनता है
BABU GAUTAM
19वीं सदी में "ब्रेस्ट टैक्स" निचली जाति के लोगों को अपमानित करने और उन्हें कर्ज में डुबाए रखने के उद्देश्य से लगाया जाता था. इस तरह की कुप्रथा चलने वाला त्रावणकोर का राजा था, जो घोर धार्मिक माना गया विष्णु भगवान की भक्ति करने के कारण.
नियमानुसार निचली जाति की महिलाओं को अपने स्तन ढंकने के लिए राजा उन पर ब्रेस्ट टैक्स लगाता था. यही उदाहरण अपने आप में प्रमाण है की भगवान कोई हक़ीक़त नहीं है, बल्कि धर्म और भगवान पर झूठे विश्वास में जकड़ते अमानवीयता की नीयत पुष्ट की जाती. इसी की बानगी तो धार्मिकों में प्रचलित नारी विद्वेष व क्रूर जातपात है. ये सब कितना बुरा कलंक जैसा है, तिस पर भी धर्म धरे दमनकारी सोच लोगों की बदलती नहीं. हाय! ना जाने धर्म के किस मोह में झूठी ज़िंदगी बसर कर रहे? खैर....
मतलब की समझने वाली बात यही दिखती हर-सूं जी
जो धर्म ज्यादा मानता,वो ज्यादा आतंकवादी बनता है
BABU GAUTAM
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