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अंग्रेजो ने दिलाई थी शूद्रों को ब्राह्मणवाद से आज़ादी

✍✍✍ शासन व्यवस्था पर ब्राह्मणों का 100 परसेंट कब्जा था अंग्रेजों ने इन्हें 2.5 परसेंट पर लाकर खड़ा कर दिया था

✍✍✍ सन 1919 ईस्वी में अंग्रेजों ने ब्राह्मणों के जज बनने पर रोक लगा दी थी अंग्रेजों ने कहा था कि इनका चरित्र न्यायिक नहीं होता है
✍✍✍क्या आप लोग जानते हैं अंग्रेजों ने अधिनियम 11 के तहत शूद्रों को 1795 ईस्वी में संपत्ति रखने का अधिकार दिया था
✍✍✍ शूद्रों (obc.sc.st) को अंग्रेजों ने 1835 ईस्वी में कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया था इससे पहले शूद्र कुर्सी पर नहीं बैठ सकते थे
✍✍✍ *चरक पूजा अंग्रेजों ने 18  63 ईस्वी में बंद कराई इसमें यह होता था कि कोई पुल या भवन बनने पर शूद्रों की बलि दी जाती थी*
✍✍✍सन 1819 से पहले किसी शूद्र की शादी होती थी तो ब्राह्मण उसका शुद्धीकरण करके 3 दिन अपने पास रखते थे उसके उपरांत उसको घर भेजते थे इस प्रथा को अंग्रेजों ने 1819 ईस्वी में बंद करवाया*
✍✍नरबलि  जोकि  शूद्रों की दी जाती थी अंग्रेजों ने  इसे रोकने के लिए 1830 में कानून बनाया था*
✍✍✍ब्राह्मण शूद्रों का पहला लड़का गंगा में दान करवा दिया करते थे क्योंकि वह जानते थे कि पहला बच्चा हष्ट पुष्ट होता है इसीलिए  उसको गंगा में दान करवा दिया करते थे अंग्रेजों ने इस प्रथा को रोकने के लिए 1835 में एक कानून बनाया था
✍✍✍देवदासी प्रथा अंग्रेजों ने ही बंद कराई इस प्रथा में यह होता था कि शूद्र समाज की लडकिया मंदिरों में देवदासी के रूप में रहती थी और उनसे जो बच्चा पैदा होता था उसे हरिजन कहते थे इसीलिए  हरिजन एक गाली है*
✍✍✍बाबा साहब के प्रयासों द्वारा शुद्रओ को 1927 में सार्वजनिक जगहों पर जाने का हक मिला था
✍✍✍क्या आप लोग जानते हैं अंग्रेजों ने शूद्रों (obc,sc,st) को 1813 ई०  शिक्षा का अधिकार दिया था✍✍✍*

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