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Showing posts from May, 2020

भारत के महान योद्धा ईस्ट इंडिया कंपनी को सबसे पहले पराजित करने वाले

727.  भारत के महान योद्धा ईस्ट इंडिया कंपनी को सबसे पहले पराजित करने वाले #टीपू_सुल्तान के बारे में संघ का कहना है कि वो हिंदू विरोधी थे, क्यों कि उन्होंने बहुत से पेशवाओ का क़त्ल किया था। अगर टीपू सुल्तान हिंदू विरोधी होते तो उनकी सेना में जितने मुसलमान थे उतने हिंदू न होते, संघ ने ये तो बता दिया कि पेशवाओ का क़त्ल टीपू सुल्तान ने किया, लेकिन क्यों किया...ये क्यों नही बताया?  पेशवाओ की हत्याएं करने का जो आरोप टीपू सुल्तान पर है वह #त्रावणकोर_राज्य में है।  जहाँ का मनुवादी राजा एक ऐय्याश और निरंकुश राजा था और उसके जुल्मों से वहाँ की जनता को छुटकारा दिलाने के लिए टीपू ने उस पर आक्रमण किया और युद्ध में त्रावणकोर की सेना में शामिल सारे पेशवा मारे गये। त्रावणकोर राज्य में एक प्राचीन परंपरा के अनुसार #नंबूदिरी, #नायर, #दलित #नादर जैसी जातियों की #औरतों_को_अपने_शरीर_का_ऊपरी_हिस्सा_ढांकना प्रतिबंधित था। #नंबूदिरी_औरतों_को_घर_के_भीतर ऊपरी शरीर को खुला रखना पड़ता था।  वे घर से बाहर निकलते समय ही अपना सीना ढक सकती थीं।  लेकिन मंदिर में उन्हें ऊपरी वस्त्र खोलकर ही जाना होता ...

हिंदू नाम का कोई धर्म नही है… हिन्दू फ़ारसी का शब्द है

⚠️ हिन्दू नाम का सच : ⚠️ हिंदू नाम का कोई धर्म नही है… हिन्दू फ़ारसी का शब्द है । हिंदू का अर्थ कालाचोर, गुलाम, लुटेरा, काफिर । हिन्दू शब्द न तो वेदों में है,  न पुराणों में , न उपनिषदों में , न रामायण में,  न ही भगवतगीता में । और न ही किसी भी अन्य हिंदू धर्म ग्रंथों में,   स्वयं दयानन्दसरस्वती कबूल करते हैं कि यह मुगलों द्वारा दी गई गाली है । 1875 में ब्राह्मण दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की, हिन्दू समाज की नहीं ।  अनपढ़ ब्राह्मण भी यह बात जानता है । ब्राह्मणो ने स्वयं को हिन्दू कभी नहीं कहा ।  आज भी वे स्वयं को ब्राह्मण कहते हैं , लेकिन सभी शूद्रों को हिन्दू कहते हैं ।  जब शिवाजी हिन्दू थे, और मुगलों के विरोध में लड़ रहे थे ,तथाकथित हिन्दू धर्म के रक्षक थे ,तब भी पूना के ब्राह्मणो ने उन्हें शूद्र कह राजतिलक से इंकार कर दिया ।  घूस का लालच देकर ब्राह्मण गागाभट्ट को बनारस से बुलाया गया । हिंदू का सच ,गगाभट्ट ने “गागाभट्टी” लिखा ,उसमें उन्हें विदेशी राजपूतों का वंशज बताया तो गया लेकिन ,राजतिलक के दौरान मंत्र “पुराणों” के ही पढे गए, वेदों...

ईश्वर या ग्रंथों का सर्व प्राचीन होने का दावा

#सर्व_प्राचीन_धर्म  यदि धर्म को आधुनिक परिदृश्य के आधार पर देखा जाये तो सभी धर्म 3500 BC से पुराने नहीं हैं। बाकी सब इनसे जुड़ी तथ्यहीन मान्यतायें हैं जैसे हिन्दू (सनातन) का सदा से होना, जैन और बौद्ध का भी सबसे प्राचीन होने का दावा करना, यहूदी का अपना मत है। पर कुल मिलाकर ये कोई भी धर्म उपरोक्त अवधि से अधिक प्राचीन नहीं है। यदि प्राचीन सभ्यताओं की बात करें तो हड़प्पा, इजिप्ट, Norte Chico, Mayan, Jiahu, रोमन और मेसोपोटामिया सबसे प्राचीन विकसित सभ्यताएं मानी जाती हैं, जिनमें से मेसोपोटामिया सर्व प्राचीन मानी गई है ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर। इस सभ्यता तक कोई धर्म उदित नहीं हुआ था, यहां पर प्रकृति और कुछ गुणों को ही भय से पूजा जाता था। इसके पूज्य किसी भी आधुनिक धर्म से किसी भी प्रकार सम्बंधित नहीं हैं न ही समानता रखते हैं। हालांकि हड़प्पा सभ्यता से अपना सम्बंध दिखाने के लिये हिन्दू इसमें नंदी, शिवलिंग का और बुद्धिस्ट इसमें बौद्ध प्रतिमा के मिलने की अफवाहें फैलाते रहते हैं। अब ये तो साधरण सी बात है कि हर धर्म अपने को सर्वाधिक प्राचीन और वैज्ञानिक दिखाने की होड़ में हैं। लेकिन ऐसा नहीं ह...

अंग्रेजो ने दिलाई थी शूद्रों को ब्राह्मणवाद से आज़ादी

✍✍✍ शासन व्यवस्था पर ब्राह्मणों का 100 परसेंट कब्जा था अंग्रेजों ने इन्हें 2.5 परसेंट पर लाकर खड़ा कर दिया था ✍✍✍ सन 1919 ईस्वी में अंग्रेजों ने ब्राह्मणों के जज बनने पर रोक लगा दी थी अंग्रेजों ने कहा था कि इनका चरित्र न्यायिक नहीं होता है ✍✍✍क्या आप लोग जानते हैं अंग्रेजों ने अधिनियम 11 के तहत शूद्रों को 1795 ईस्वी में संपत्ति रखने का अधिकार दिया था ✍✍✍ शूद्रों (obc.sc.st) को अंग्रेजों ने 1835 ईस्वी में कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया था इससे पहले शूद्र कुर्सी पर नहीं बैठ सकते थे ✍✍✍ *चरक पूजा अंग्रेजों ने 18  63 ईस्वी में बंद कराई इसमें यह होता था कि कोई पुल या भवन बनने पर शूद्रों की बलि दी जाती थी* ✍✍✍सन 1819 से पहले किसी शूद्र की शादी होती थी तो ब्राह्मण उसका शुद्धीकरण करके 3 दिन अपने पास रखते थे उसके उपरांत उसको घर भेजते थे इस प्रथा को अंग्रेजों ने 1819 ईस्वी में बंद करवाया* ✍✍नरबलि  जोकि  शूद्रों की दी जाती थी अंग्रेजों ने  इसे रोकने के लिए 1830 में कानून बनाया था* ✍✍✍ब्राह्मण शूद्रों का पहला लड़का गंगा में दान करवा दिया करते थे क्योंकि वह जानते थे कि पहला बच्चा...

शूद्र का उत्पीड़न मनुस्मृति में

मनुस्मुर्ति" में क्या कहा हैं =============== यह देखिये- १- पुत्री,पत्नी,माता या कन्या,युवा,व्रुद्धा किसी भी स्वरुप में नारी स्वतंत्र नही होनी चाहिए. -मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-२ से ६ तक. २- पति पत्नी को छोड सकता हैं, सुद(गिरवी) पर रख सकता हैं, बेच सकता हैं, लेकिन स्त्री को इस प्रकार के अधिकार नही हैं. किसी भी स्थिती में, विवाह के बाद, पत्नी सदैव पत्नी ही रहती हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४५ ३- संपति और मिलकियत के अधिकार और दावो के लिए, शूद्र की स्त्रिया भी "दास" हैं, स्त्री को संपति रखने का अधिकार नही हैं, स्त्री की संपति का मलिक उसका पति,पूत्र, या पिता हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४१६. ४- ढोर, गंवार, शूद्र और नारी, ये सब ताडन के अधिकारी हैं, यानी नारी को ढोर की तरह मार सकते हैं....तुलसी दास पर भी इसका प्रभाव दिखने को मिलता हैं, वह लिखते हैं-"ढोर,चमार और नारी, ताडन के अधिकारी." - मनुस्मुर्तिःअध्याय-८ श्लोक-२९९ ५- असत्य जिस तरह अपवित्र हैं, उसी भांति स्त्रियां भी अपवित्र हैं, यानी पढने का, पढाने का, वेद-मंत्र बोलने का या उपनयन का स्त्रियो को अधिकार न...

Covid19 Punjab sarkar ration yojana

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नंगेली नाम की लड़की ने अपना स्तन केवल इसलिए काट दिया क्योंकि उस समय मे स्तन ढकने के लिए टेक्स देना पड़ता था,

# सत्ता_नही_अब_व्यवस्था_परिवर्तन_की_बारी_है नंगेली नाम की लड़की ने अपना स्तन केवल इसलिए काट दिया क्योंकि उस समय मे स्तन ढकने के लिए टेक्स देना पड़ता था, ओर उसके पास टेक्स देने के लिए अनाज, पैसे, मुहरे, कोड़ी या कोई विशेष वस्तु न थी। आग्रह करने पर भी ब्राह्मण राजा त्रावणकोर के लोग नही माने तो उसने अपने स्तन काट कर ही उसके सामने रख दिये, उसका मानना होगा कि जब स्तन ही न रहे तो टेक्स नही देना होगा, लेकिन जिंदगी से हार गई। दूसरी फोटो में कुछ लोग टीपू सुल्तान की फोटो जला रहे है, क्योकि टीपू सुल्तान ने इस प्रथा को बंद कर दिया  और विरोध करने वाले लोगो को सजा के तौर पर मृत्यु दंड दिया। आपके पास दिमाग है तो सोचिए कि कौन सही था, महिलाओ की पूजा की दुहाई देने से काम नही चलता, इतिहास और वर्तमान बहुत कुछ बोलता है। आज ये मनुवादी टीपू सुल्तान की फ़ोटो जलाकर इसी बात का विरोध दर्ज करा रहे है कि टीपू सुल्तान ने स्तन टेक्स को क्यों बन्द किया

रणजीत बावा के नए गाने पर आस्तिक लोगों का फूटा गुस्सा

रणजीत बावा के नए गाने पर आस्तिक लोगों का फूटा गुस्सा देखिए रणजीत बावा का विवादित गाना Ranjeet Bawa वहीं दलित तपके के लोग रणजीत बावा के गाने के समर्थन में हुए खड़े लोगों का कहना है रणजीत बावे के गाने में क्या गलत है उसने सच ही तो बोला है लोगों का कहना है कि को काम आज तक कोई ओर नहीं कर पाया वो रणजीत बावा ने कर दिखाया ओर सच्चाई कड़वी होती है लेकिन कुछ दलित लोगों को भी गाने के कुछ लाइन में आपत्ति लगी उन्होंने कहा भगत रविदास की जगह गुरु रविदास शब्द इस्तेमाल करना चाहिए था रणजीत बावा पर फिर करने वाले भाजपा नेता ने दिया विवादित बयान भाजपा नेता ने कहा कोरोना के आगे विज्ञान ओर डॉक्टर फेल है जो अपनी जान पर खेल कर अपने बच्चो परिवारों से दूर रहकर लोगों की जानें बचा रहे हैं क्या उन डॉक्टरों की बेज्जती नहीं मंदिर बंद है अस्पताल खुले है

अंधभक्ति में लीन ओबीसी और खत्म होता भविष्य

अंधभक्ति में लीन ओबीसी और खत्म होता भविष्य...... भारत की राजनीति समझना है तो जरूर पढ़ें | 1977 मेँ जनता पार्टी की सरकार बनी जिसमे*मोरारजी  ब्राह्मण थे* जिनको _जयप्रकाश नारायण_ द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिऐ नामांकित किया था। चुनाव मेँ जाते समय *जनता पार्टी* ने अभिवचन दिया था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वे *काका कालेलकर कमीशन* लागू करेंगे। जब उनकी सरकार बनी तो *OBC का एक प्रतिनिधिमंडल* मोरारजी को मिला और *काका कालेलकर कमीशन* लागू करने के लिऐ मांग की मगर _मोरारजी_ ने कहा कि _*कालेलकर कमीशन*_ की रिपोर्ट पुरानी हो चुकी है, इसलिए अब बदली हुई परिस्थिति मेँ नयी रिपोर्ट की आवश्यकता है। *यह एक शातिर बाह्मण की OBC को ठगने की एक चाल थी*। प्रतिनिधिमडंल इस पर सहमत हो गया और *B.P. Mandal* जो बिहार के यादव थे, उनकी अध्यक्षता मेँ *मंडल कमीशन* बनाया गया। बी पी मंडल और उनके कमीशन ने पूरे देश में घूम-घूमकर 3743 जातियोँ को OBC के तौर पर पहचान किया जो 1931 की जाति आधारित गिनती के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 52% थे। मंडल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट मोरारजी सरकार को सौपते ही, पूरे देश मेँ बवाल खङा हो ...