"कौन सा धर्म सच्चा कौन सा झूठा
कौन सा बड़ा कौन सा छोटा"
जब पृथ्वी पर मानव जाति की उत्पति हुई तब कोई धर्म नहीं था पृथ्वी पर, आज जैसे हम कोरोना वायरस को मान रहे हैं की ये चीन में पैदा हुआ, वैसा ही मानव जीव की उत्पति भी अफ्रीका में हुई, ये बिलकुल सत्य है की हर चिज़ की शुरुआत कहीं न कहीं से तो होती ही है, अब जब मानव की उत्पत्ती हुई धरती पे तो वो कहीं एक जगह नहीं रुका, इधर उधर भटकता रहा और ऐसे ही वो पूरी धरती पर फैल गया, जब इंसान छोटे छोटे समुह बना के रहने लगा, तब उन्हे कुछ नियम बनाने की जरुरत पड़ी, अब हर समूह ने अपने आप को एक नाम दे दिया, जैसे आर्या, मुलनिवासी या और भी कई तरह के नाम, अगर इतिहासकारों और विज्ञान के हिसाब से माने तो पहला धर्म हिंदू धर्म था, पर ये सत्य नहीं है की हर मानव हिंदू था, क्यूकी उस समय सब मानव एक दूसरे के संपर्क में नहीं थे,जैसे आज हम सिर्फ कल्पना करते हैं की कहीं और ग्रह पर भी हमारे जैसे मानव रहते होंगे, वैसे ही उस समय भी वो एक कल्पना थी की हमारी तरह दूसरी जगह भी और मानव रहते होंगे, हिंदू धर्म को देख कर फिर दुसरे स्मुहो ने भी अपना धर्म बनाया, जैसे याहुदी धर्म, फ़िर याहुदियो से इसाइयो का जनम हुआ, इसाइयो से मुस्लिम, उसके बाद फिर और भी कई धर्म निकले, जैसे हिंदू धर्म से बुद्ध धम्म और जैन धर्म, सिख धर्म, अब अगर ये मान कर चले की सबसे पहला धर्म हिंदू धर्म था और हिंदू धर्म ने भगवान में आस्था रखी, तो अब हिंदू धर्म को देख कर दुसरो ने भी अपने धर्म बनाए तो सब ने भगवान को माना पर अपने अपने तरीके से, सिर्फ एक बुद्ध धम्म ने भगवान को नकारा और उनसे भी बहुत लोग प्रभावित हुए और उनको फॉलो करने लगे, आज के मानव के पास दिमाग है पर पहले हमारा दिमाग उतना विकसित नहीं था, जैसे आज अन्य जीव को किसी भगवान के बारे में नहीं पता है, वैसे ही मानव को भी नहीं पता था, भगवान का जन्म सिर्फ और सिर्फ कुछ व्यक्तियों के समुह या किसी एक व्यक्ति विशेष के विचारो की देन है, जिस सोच को आज सारी दुनिया फॉलो कर रही है...🙏
( By Shivam chawla )
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