क्या ब्रह्माण्ड में कोई शक्ति है, क्या वही शक्ति ईश्वर है वो सर्वज्ञाता, सर्वशक्तिमान है?
ये सत्य है की पुरा ब्रह्माण्ड एक ऊर्जा से ही काम करता है, सब कुछ ऊर्जा से ही होता है, ब्रह्माण्ड में जितने ग्रह हैं सब कार्य कर रहे हैं, ब्लैकहोल हैं वो सब भी कार्य कर रहे हैं, सब एक ऊर्जा से चल रहे हैं पर उस एनर्जी के चलने में कुछ नियम लगे हैं, वो एनर्जी कुछ सोच समझ कर कार्य नहीं कर रही है, या कोई शक्ति उनसे सोच समझ कर कार्य नहीं करवा रही है, अगर कोई शक्ति सोच समझ कर कार्य करवा रही होती तो ब्रह्मांड एक दम परफेक्ट रूप से चलता, कोई उल्का पिंड धरती पर नहीं गिरते, या कोई और भयानक हल चल ब्रह्मांड में नहीं होती, जैसे एक नदी बहती है अपने नियम से, उसमे एक तर्क लगा है, पहाड़ से गिरती है दुसरी तरफ बह कर जाती है, उस नदी के बह ने में कोई शक्ति कार्य कर रही है ऐसा नहीं कहा जा सकता, मानव नाम की प्रजाति पैदा ही तभी हुई, जब प्रकृति में मानव जैसे जीव के रहने लायक वातावरण बना, न की पहले इंसान पैदा हुआ और फिर भगवान ने उसके लिए ऑक्सीजन पानी ये सब बनाया, हमारे प्रुवज ब्रह्मांड के नियमों को नहीं समझते थे, इसलिए उन्होनें ब्रह्मांड में हो रहे कार्य को एक शक्ति के रुप में देखा, उन्हें लगा कि यह सब कार्य कोई शक्ति करती है, इस कल्पना ने ही ईश्वर नाम की शक्ति को जन्म दिया, मानव ब्रह्मांड में हो रही हल चल को रोकने में असमर्थ था, इस वजह से मानव उस शक्ति को खुद से उपर समझने लगा, सत्य यही है कि कोई ऐसी शक्ति नहीं है जो सोचने समझने की क्षमता से कोई कार्य कर रही हो, न तो वो एनर्जी ब्रह्मांड को अपनी सोच समझ से चला रही है और न ही मानव की सोचने समझने की शक्ति पर उस एनर्जी का कोई प्रभाव है... 🙏🙏
( By Shivam chawla )
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