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Showing posts from December, 2021

⚡ *पेरियार ने पत्नी का ह्रदय परिवर्तन किया !*💫

 ⚡ *पेरियार ने पत्नी का ह्रदय परिवर्तन किया !*💫          तमिलनाडू के क्रांतीकारी महामानव *पेरियार रामास्वामी नायकर* का विवाह होने के पश्चात जब उनकी पत्नी *नागम्मई* दुल्हन बनकर ससुराल आई, तो उन के सामने दो संस्कृतियों का संगम था! अन्धविश्वास की सौगात उन्हे नैहर और ससुराल में विरासत के रुप में मिली थी।              👱‍♀ अपने पति का धर्म के प्रति चिंतन ने उन्हें भी सोचने पर बाध्य कर दिया । वे दो पाटो में पिसी जा रही थी। 🙇‍♀ 👉 दशहरा जैसे जुलूशों पर जब भारत की जनता ताजियों की तरह *रावण* के पुतले हिन्दू धर्म के अनुसार दफनाते या जलाते थे तो पेरियार *राम* का पुतला जलाते थे। 👊          🤦🏻‍♀ माता नागम्मई को प्रारम्भ में यह देखकर बहुत बुरा लगता था पर पेरियार जब अपनी पत्नी को समझाते कि अगर... ➡ *हम तुम्हे गर्भावस्था में जंगल में छोड़ दे तो क्या तुम फिर भी हमारी ही पूजा करोगी?*  ➡ *अगर हम तुम्हे जुए के दांव पर लगा कर हार जाये तो क्या तुम फिर भी हमे धर्मराज कहोगी?*  ➡ *अगर हमारे पांच भाई होते और त...

जाति का विनाश Dr Br Ambedkar

 जाति का विनाश : मनु और याज्ञवल्क्य के ब्राह्म्णवादी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए एक जरूरी किताब डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि “आपको यह नहीं भूलनी चाहिए कि यदि आपको इममें (जाति व्यवस्था) एक दरार बनानी है तो आपको तर्क न मानने वाले और नैतिकता को नकारने वाले वेदों व शास्त्रों को बारूद से उड़ा देना होगा। श्रुति और स्मृति के धर्म को खत्म करना होगा”। जाति के विनाश उनका आह्वान आज भी उतना ही आवश्यक है जितना कि पहले। सिद्धार्थ का विश्लेषण : THIS ARTICLE IN ENGLISH जिस चीज ने भारतीय समाज तथा भारतीय आदमी, विशेषकर हिंदुओं के बहुलांश हिस्से को भीतर से संवेदनहीन, न्यायपूर्ण चेतना से रहित और अमानवीय, बना दिया, वह है, जातियों पर आधारित सामाजिक व्यवस्था। यह हमें रोज ब रोज अतार्किक, विवेकहीन, कायर, पाखण्डी-ढोंगी और आत्मसम्मानहीन बनाता है तथा व्यक्ति के आत्मगौरव और मानवीय गरिमा को क्षरित करता है। जाति- व्यवस्था ने एक ऐसा श्रेणी-क्रम रचा, जिसमें हर आदमी किसी दूसरे आदमी की तुलना में नीच है। इसने श्रम न करने वाले परजावियों को महान तथा मेहनत करने वालों को नीच तथा महानीच बना दिया। श्रम तथा श्रम करने वालों को इतन...