तर्कशील लोगों को छोड़कर अधिकांश डिग्रीधारी की मान्यता :- #संस्कृत बहुत पुरानी भाषा है या मोर्य वंश के बाद यूनानी शासक और गुप्त शासक द्वारा संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाने लगा था। क्या यह प्रामाणिक है? इसको समझने के लिए एक शब्द धम्म को लीजिये। सम्यक संस्कृति में धम्म का अर्थ प्रकृति, मनुष्य और सभी चेतनशील प्राणी के गुण स्वभाव को #धम्म कहा जाता था। जिस धम्म को संस्कारित करने पर संस्कृत में धर्म लिखा जाता है और बोला जाता है। परंतु सामन्ती संस्कृति में धर्म का अर्थ एक प्रकार का कर्मकांड और पूजा विधि की परंपरा को कहा जाता है। अब मुख्य बात पर आते हैं - धम्म को संस्कृत में धर्म जब लिखा जाता है तो मोर्य काल के बाद यवन, कुषाण, गुप्त जैसे आरोपित सम्राट द्वारा भी इस धम्म का लेखन संस्कृत शब्दावली अनुसार धर्म लिखना चाहिए था लेकिन ऐसा नही है। नीचे मौर्यकाल का अभिलेख सहित यवन काल, कुषाण काल और गुप्त काल का अभिलेख लगा है , जिस अभिलेख में सबों ने धम्म को धम्म ही लिखा है। किसी ने भी उस धम्म को संस्कारित भाषा मे धर्म नही लिखा है। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सारा आरोप धूर्तों द्वारा...