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Showing posts from February, 2021

संस्कृत बहुत पुरानी भाषा है या मोर्य वंश

 तर्कशील लोगों को छोड़कर अधिकांश डिग्रीधारी की मान्यता :- #संस्कृत बहुत पुरानी भाषा है या मोर्य वंश के बाद यूनानी शासक और गुप्त शासक द्वारा संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाने लगा था। क्या यह प्रामाणिक है? इसको समझने के लिए एक शब्द धम्म को लीजिये।  सम्यक संस्कृति में धम्म का अर्थ प्रकृति, मनुष्य और सभी चेतनशील प्राणी के गुण स्वभाव को #धम्म कहा जाता था।  जिस धम्म को संस्कारित करने पर संस्कृत में धर्म लिखा जाता है और बोला जाता है।  परंतु सामन्ती संस्कृति में धर्म का अर्थ एक प्रकार का कर्मकांड और पूजा विधि की परंपरा को कहा जाता है। अब मुख्य बात पर आते हैं - धम्म को संस्कृत में धर्म जब लिखा जाता है तो मोर्य काल के बाद यवन, कुषाण, गुप्त जैसे आरोपित सम्राट द्वारा भी इस धम्म का लेखन संस्कृत शब्दावली अनुसार धर्म लिखना चाहिए था लेकिन ऐसा नही है। नीचे मौर्यकाल का अभिलेख सहित यवन काल, कुषाण काल और गुप्त काल का अभिलेख लगा है , जिस अभिलेख में सबों ने धम्म को धम्म ही लिखा है। किसी ने भी उस धम्म को संस्कारित भाषा मे धर्म नही लिखा है। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सारा आरोप धूर्तों द्वारा...

अशोक चक्र " का जब issue उठा तब।

 🇮🇳"अशोक चक्र " के लिए बाबासाहब ने बहुत Struggle किया है। .. " अशोक चक्र " का जब issue उठा तब। पूरी Parliament में हंगामा शुरू था। .. पूरी Parliament दनदना गयी थी।..   पहले राष्ट्रध्वज का कलर बनाने के लिए बाबासाहब ने " पेंगाली वेंकैय्या " को चुना था। ...पेंगाली वेंकैय्या को कलर के बारे में जनाकारी थी। ... उनका संवैधानिक चयन बाबासाहब ने किया था। ,.. पेंगाली वेंकैय्या ने ध्वज का कलर तो बनाया लेकिन वो कलर ऊपर निचे थे ... मतलब सफ़ेद रंग सबके ऊपर , फिर ऑरेंज और फिर हरा। ...  बाबासाहब ने सोचा , अगर अशोक चक्र हम रखे तो वो नीले रंग में होना चाहिए , और झंडे के बिच में होना चाहिए  ... ऑरेंज रंग पे " अशोक चक्र " इतना खुल के नहीं दिखेगा। ... बाबासाहब ने सोचा , अगर सफ़ेद रंग को बिच में रखा जाए जो की शांति का प्रतिक है , उसपर अशोक चक्र खुल के भी दिखेगा। .. और शांति के प्रतिक सफ़ेद रंग पे बुद्ध के शांति सन्देश का अशोक चक्र उसका मतलब बहुत गहरा होगा। ...  इसलिए बाबासाहब ने वो कलर ठीक से सेट किये। .. और सफ़ेद रंग बिच में रखा ताकि उसके ऊपर " अशोक चक्र  रखा जाए। ...