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Showing posts from January, 2021

इन्सान ने ही भगवान का निर्माण किया है इसके तार्किक सबूत निम्नलिखित है

इंसान/भगवान इन्सान ने ही भगवान का निर्माण किया है इसके तार्किक सबूत निम्नलिखित है 1.मनुष्य के अलावा दुनिया का एक भी प्राणी भगवान को नही मानता। 2.जहाँ इन्सान नही पहुँचा वहाँ एक भी मंदिर मस्जिद या चर्च नही मिला। 3.अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवता है।इसका मतलब इन्सान को जैसी कल्पना सुझी वैसा भगवान बनाया गया। 4.दुनिया मे अनेक धर्म पंथ और उनके अपने-अपने देवता है। इसका अर्थ भगवान भी एक नही। 5.दिन प्रतिदिन नये नये भगवान तैयार हो रहे है। 6.अलग-अलग प्रार्थनायें है। 7. माना तो भगवान नही तो पत्थर यह कहावत ऐसे ही नही बनी। 8.दुनिया मे देवताओं के अलग-अलग आकार और उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग पुजा। 9.अभी तक किसी इन्सान को भगवान मिलने के कोई प्रमाण नही है। 10.भगवान को मानने वाला और नही मानने वाला भी समान जिंदगी जीता है। 11भगवान किसी का भी भला या बुरा नही कर सकता। 12.भगवान भ्रष्टाचार अन्याय चोरी बलात्कार आतंकवाद अराजकता रोक नही सकता। 13.छोटे मासुम बच्चों पर बंदुक से गोलियाॅ दागने वालों के हाथ भगवान नही पकड सकता। 14.मंदिर मठ आश्रम प्रार्थना स्थल जहाॅ माना जाता है कि भगवान का वास होता है वहाॅ भी बच्चे म...

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने मंगलवार को अंधविश्वास को बढ़ावा देने से रोकने के लिए अहम फैसला सुनाया

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने मंगलवार को अंधविश्वास को बढ़ावा देने से रोकने के लिए अहम फैसला सुनाया Andhvishwas । बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंधविश्वास और उससे जुड़े सामाग्री को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसे विज्ञापन प्रसारित करना जुर्म है। इसे लेकर चैनल और विज्ञापन देने वाली कंपनियों को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा। बेंच ने मंगलवार को हनुमान चालीसा यंत्र के विज्ञापन के प्रसारण के मामले में सुनवाई करते हुए चार टीवी चैनलों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, इससे जनता के बीच अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, काला जादू अधिनियम की धारा 3 ना सिर्फ जादू, बुरी प्रथाओं को प्रतिबंधित करती है, बल्कि उनके प्रचार प्रसार को रोकने का काम करती है। कोर्ट ने कहा, इस अधिनियम की धारा 3 (2) के तहत, इस तरह की गतिविधियों में शामिल होना भी अपराध की श्रेणी में है। इसलिए ऐसे विज्ञापन प्रसारित करने वाले भी इसके तहत कार्रवाई में आएंगे। क्या था याचिका में? दरअसल, हाईकोर्ट में शिक्षक राजेंद्र अंभोरे न...

मेरा विश्वास ‘धर्म’ में नहीं ‘तर्क’ में है, इसलिए मैं नास्तिक बना

 “मेरा विश्वास ‘धर्म’ में नहीं ‘तर्क’ में है, इसलिए मैं नास्तिक बना” आज से तीन साल पहले शायद ही मेरे गांव में मुझसे बड़ा कोई आस्तिक रहा होगा। उस समय मेरी नज़रों में वह हर व्यक्ति पाप का हकदार था जो भी ईश्वर के अस्तित्व को नकारता था। मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी हुई है और मेरे परिजन अशिक्षित हैं, जो धर्म के प्रति उनके अंदर पैदा हुए आकर्षण को बढ़ाने के लिए एक ज़िम्मेदार कारक कहा जा सकता है। जिसका प्रभाव बाद में मुझपर भी पड़ा। पहले मेरे पिता भी एक नास्तिक ही थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी ज़िन्दगी में आयी समस्याओं ने उनको धर्म के प्रति इतना आकर्षित कर दिया कि आज वे भगवान कृष्ण के भक्त हैं और लोगों की समस्याओं को सुलझाने में व्यस्त रहते हैं। आज हमारे घर में ही एक बड़ा सा मंदिर है, जिसमें प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा करने के लिए लगभग 1 घण्टा सुबह व 1 घण्टा शाम का समय लगता है। इसी मंदिर में, मैंने तीन साल पहले तक भगवान की आराधना की है। कहने का सार यह है कि अब भी मेरे घर में मुझे छोड़कर सब ईश्वर के प्रति गहन श्रद्धा रखते हैं। तीन साल पहले मैं आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आया जोकि अभी तक ...